जानवरों की विशेषताओं का किरदार निभायेंगे कलाकार-राजेन्द्र गुप्ता
सब टीवी पर चिड़ियाघर के मुख्य पात्र से बातचीत
सोनी इंटरटेन्मेंट टीवी चैनल के अंतर्गत सब टीवी पर आगामी 28 नवम्बर से रात्रि 9 बजे प्रसारित होने वाले धारावाहिक चिड़ियाघर ने आपने प्रोमों से ही दर्शको के बीच में उत्सुकता की लकीर खींच दी है। इस सीरियल को लेकर यह कयास लगाये जा रहे है कि चिड़ियाघर तो विभिन्न प्रकार के जानवरों के रहने की जगह होती है। फिर आखिर इंसानों पर आधारित इस चिड़ियाघर की क्या विशेषता रहेगी ??
हमारे पाठकों की इस उत्सुकता को हमने पहुंचाया इस धारावाहिक के मुख्य कलाकार राजेन्द्र गुप्ता के पास और उनसे इस धारावाहिक के कथानक से लेकर किरदारों की भूमिका तक पर आज 16 नवम्बर 2011 को दूरभाष पर लंबी बातचीत की । रंगमंच से लेकर टीवी सीरियलो व फिल्मों में अपने सशक्त अभिनय से धाक जमा लेने वाले अभिनेता राजेन्द्र गुप्ता ने इस प्रतिनिधि से बेबाकी से बातचीत की।
राजेन्द्र गुप्ता |
चिड़ियाघर के शीर्षक पर बेहद रोचक अंदाज में उन्होंने बताया कि इस धारावाहिक में चिड़ियाघर वस्तुत: कोई जानवरो के रहने वाली जगह नहीं बल्कि सेवानिवृत्त प्राचार्य केशरीनारायण की धर्मपत्नी स्वर्गीय श्रीमती चिड़िया नारायण पर नामित घर है। श्री गुप्ता ने बताया कि केशरी नारायण की भूमिका का निर्वाह वे स्वयं कर रहे और इस धारावाहिक में दोनो पति-पत्नी को काफी प्रेम रहता है और उनका सपना रहता है कि उनका अपना एक घर हो। इस सपने के पूरा होने के पहले ही पत्नी का स्वर्गवास हो जाता है और स्मृति स्वरूप पत्नी के नाम पर चिड़ियाघर ही इस धारावहिक का शीर्षक है।
चिड़ियाघर के कथानक पर राजेन्द्र गुप्ता का कहना है कि अद्वितीय पारिवारिक कामेडी का यह सीरियल दर्शको तो गुदगुदायेगा ही साथ ही मानवीय मूल्यो,परिवार के सदस्यों के प्रेम-सदभाव एकजुटता का संदेश भी देगा। उनका मानना है कि हर जानवर का अपना एक स्वभाव,लक्षण व एक गुण होता है और उसकी इसी विशेषता को इंगित करते हुये पात्रों की भूमिका रखी गयी है। चिड़ियाघर के पात्रों के नाम जानवरों के नामों पर रखा गया है जैसे कि किशोरी नारायण,गोमुख,मयूरी,कोयल और ये सभी पात्रों का आचार-विचार-व्यवहार जानवरो के नामों के अनुसार रहेगा । इसी विशेषता को लेकर धारावाहिक अलग-अलग घटनाओं को लेकर आगे बढ़ेगा और प्रत्येक घटना पर लोकोक्तियों,मुहावरो व पंक्तियों के माध्यम से दर्शकों को शिक्षाप्रद संदेश दिया जायेगा ।
धारावाहिक के किरदारों को लेकर राजेन्द्र गुप्ता बेहद उत्साहित है और परिचयात्मक शैली किरदारों के बारे में उन्होंने बताया कि चिड़ियाघर के मुखिया केशरी नारायण यानि बाबूजी की भूमिका वे स्वयं निभा रहे है। यथा नाम तथा गुण के अनुरूप उनका व्यवहार केशरी यानि शेर की मानिंद है। परिवार के नेतृत्व की भावना लेकर चलने वाला यह किरादार बहुत आसानी से भ्रमित हो जाता है। गुस्सा होना,परिवार के मामलों में अंतिम अधिकार रखना उसका गुण है। धारावाहिक में वे अपनी स्वर्गीय पत्नी के चित्र से बात-करते जहां अतीत में चले जाते है, वही परिवार के हर सदस्य को खुश रहने का प्रयास उनके एक प्यारे चरित्र को प्रदर्शित करता है।
श्री गुप्ता ने आगे बताया कि सीरियल में उनके बेटे घोतक और गोमुख में घोतक का किरदार परेश गांत्रा व गोमुख की भूमिका सुमित अरोडा निभा रहे है। घोतक यानि घोड़े पर सवार रहने वाला किरदार है। लगभग 10 वर्षा से टिकट कलेक्टर का काम करने वाले घोतक की स्थिति इस हद तक है कि ट्रेन की बर्थ के सामान उनका बिस्तर उसके ऊपर पुलिंग चेन,कंधी से धक्का मारने वाला पंखा और सुरक्षा संदेश जीवन का हिस्सा है। वही घोतक की पत्नी कोयल नारायण (शिल्पा शिंदे) एक अमीर घर से है और अपने विरासत की गौरव गाथा कहता यह किरदार गायन की शैली में बात करने की आदत रखती है।
वहीं उनका बेटा गौमुख जैसा कि नाम से पता चलता है गाय के रूप में सरल है। वह एक है जो पूरे परिवार के लिए सब्जियां, दूध आदि खरीदता है। एक सख्त शिक्षक की भूमिका निभाने वाला यह किरदार अपनी पत्नी मयूरी (देबिना बोनर्जी) की प्रशन्सा दिन में कम से कम दस बार करता है। वहीं मयूरी का शौक नाचना व प्यार करना है। कुचि-पुडी से लेकर कथकली ही उसके लिए सब कुछ है। घोतक व गोमुख का छोटा भाई है कपि नारायण। यह किरदार आस-पड़ोस में कूद-फांद व पड़ोसी मेमना के लिये अंग्रेजी में प्रेम पत्र लिखने का कार्य करता है। जबकि मेमना के लिए अंग्रेजी पूरी तरह से समझ के बाहर है।
चाहे चंद्रकांता सीरियल के पंडित जगन्नाथ हो या फिर आस्कर नामित फिल्म लगान में चंपानेर के मुखिया का किरदार.. सभी भूमिकाओं में राजेन्द्र गुप्ता ने अपने अभिनय की गहरी छाप छोड़ी है। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से अभिनय की बारीकियां सीखने वाले राजेन्द्र गुप्ता अविभाजित मध्यप्रदेश के समय भारत भवन भोपाल,इंदौर के रंगमंच पर अभिनय कर चुके है तथा उनकी पत्नी वीणा गुप्ता उज्जैन से है। श्री गुप्ता ने अपनी बातचीत में कहा कि छत्तीसगढ़ आने की वे इच्छा रखते है और यहां की पृष्ठभूमि व उपलब्धियों से काफी प्रभावित है। उनका मानना है कि टीवी ने हर किरदार को घर-घर तक पहुंचाने मे सार्थक भूमिका का निर्वाह किया है और किरदार अपने नाम से भले ही ना जाना जाए अपने चेहरे से हर घर में नामी हो जाता है। अभिनय के लिए ट्रेनिंग को आवश्यक बताते हुए कहा कि इसके प्रशिक्षण से कलाकार अभिनय के तकनीकि पक्ष से भी रूबरू हो जाता है और इसका फायदा ही मिलता है।
चिड़ियाघर के प्रचार प्रसार व शूटिंग के बारे में राजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि टेलीविज़न पर इसकी झलकियां प्रारंभ हो गयी है। अपने चार दृश्यों की पहली शूटिंग के बाद उन्होंने लगभग शाम 4 बजे इस प्रतिनिधि से दूरभाष पर चर्चा करते हुए बताया कि गरिमा प्रोडक्शन के अंतर्गत श्री अश्वनी धीर द्वारा निर्मित व निर्देशित इस सीरियल को लेकर वे काफी उत्साहित है और पूरी टीम के साथ काम करने में काफी मजा आ रहा है। उन्होंने बताया कि इस सीरियल में किसी प्रकार की कोई खानदानी दुश्मनी,प्रतिस्पर्धा,ईर्ष्या आदि का प्रदर्शन नहीं किया जायेगा बल्कि घर-घर से जुड़ी पारिवारिक कहानियों को हास्यपूर्ण मनोरंजन के साथ प्रस्तुत किया जायेगा।